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पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान एवं फायदे (Damage after gallbladder removal in hindi)

पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान एवं फायदे (Damage after gallbladder removal in hindi): पित्त की थैली निकालने के बाद में कौन कौन से साइड इफेक्ट है तथा नुकसान होते हैं और कौन से फायदे होते हैं इसके बारे में यहां पर बात करने वाले हैं आपको बता दें कि कोई भी मनुष्य बिना पित्ताशय के भी जीवित रह सकता है क्योंकि देखा जाता है कि पित्ताशय मैं जब कोई बड़ी प्रॉब्लम आ जाती है

जैसे कि उसमें पथरी बनने लगती है जिससे पित्ताशय का सूजन हो जाता है और अगर उसको नहीं निकाला जाता है तो ऐसी स्थिति में वह काफी ज्यादा जानलेवा भी होता है इसके कुछ सामान्य लक्षण भी देखने के लिए मिलते हैं जिसकी मदद से डॉक्टर को पता लगता है

और सर्जरी के माध्यम से जो पित्त की थैली है उसको निकाल दिया जाता है बाहर फिर भी लोग जिंदा रहते हैं लेकिन इसके कौन-कौन से परेशानी है तथा साइड इफेक्ट होते हैं इन्हीं चीजों के बारे में यहां पर बात करने वाले हैं तो बने रहिए हमारे साथ में यहां पर हम आप लोगों को बताने वाले हैं कि आखिर में पित्त की थैली निकालने के बाद में कौन-कौन से नुकसान तथा कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं

पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान (Damage after gallbladder removal)

पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान एवं फायदे (Damage after gallbladder removal in hindi)
पित्त की थैली निकालने के बाद नुकसान एवं फायदे (Damage after gallbladder removal in hindi)

पित्त की थैली निकालने के बाद में काफी ज्यादा नुकसान होता है जहां पर खाना पचाने में परेशानी से लेकर के घाव इंफेक्शन दर्द है और खून का थक्का बनना तथा और भी हार नहीं है बुखार कब्जे और हृदय संबंधी रोग और भी कई सारी प्रकार की जो होती है यह सभी समस्या का सामना करना पड़ता है तो चलिए देखते हैं कि कौन-कौन से समस्या आ सकती है पित्त की थैली निकालने के बाद में

  • खाना पचने में परेशानी;- अचानक से अगर शरीर का एक हिस्सा अलग हो जाने के कारण शरीर में कई सारी प्रक्रिया को समझने में थोड़ा सा समय लग सकता है इसलिए देखा जाता है कि बाईजूस छोटी आंत तक बहुत ही कम मात्रा में जाता है जबकि परिणाम स्वरुप यह होता है कि डायरिया भी हो सकती है इसके अलावा कई बार पित्ताशय की पथरी कॉमन बाइल डक्ट में हो सकती है और छोटी आते मोबाइल से थोड़ी मात्रा में नहीं पहुंचता है इसलिए देखा जाता है कि आपका जो खाना होगा बिल्कुल भी नहीं पचता है तो डॉक्टर को इसके लिए आप लोगों को जो जांच करवाना चाहिए और इस प्रॉब्लम से जूझ रहे तो आप लोग एक बार जरूर अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें
  • घाव में इन्फेक्शन;- गांव में यहां पर इंफेक्शन होने की शंका भी बनी रहती है जहां पर गाल ब्लैडर को हटाने के लिए या तो ओपन सर्जरी या फिर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है ओपन सर्जरी में घाव काफी ज्यादा बड़ा हो जाता है जब भी देखा जाता है कि लेप्रोस्कोपिक में छोटा कट देखने के लिए मिलता है जहां पर सर्जरी वाली जगह में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि यहां पर एक घाव होता है और इसके लिए इंफेक्शन का खतरा बना रहता है इसके अलावा इलाज के दौरान अगर उपकरणों का उपयोग करने में कोई लापरवाही हुई तो भीतरी अंग को भी काफी ज्यादा दिन नुकसान पहुंच सकता है इसलिए सर्जरी के पहले यह सुनिश्चित करले कि सर्जन को कई वर्षों का अनुभव जरूर होना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का प्रॉब्लम ना हो
  • दर्द;- सर्जरी के स्थान पर दर्द होना तो आम बात है लेकिन देखा जाता है कि सर्जरी के स्थान पर सूजन भी हो जाता है तथा त्वचा के रंग में भी परिवर्तन आ जाती है यह सारी चीजें तो आम बात है क्योंकि आपने सर्जरी करवाई है तो भाव तो वहां पर होगा ही साथ ही में दर्द भी होगा अगर क्या परिवर्तन असहनीय दर्द का कारण बन जाता है तो यह एक इंफेक्शन का विलक्षण हो सकता है कभी-कभी चीरा वाले स्थान को हल्का स्पर्श करने पर भी दर्द होने लगता है तो इसके लिए आप लोगों को डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए
  • खून का थक्का बनना;- कई सारे लोगों को पिता से हटवाने के बाद में उनके रक्त में काफी ज्यादा अधिक थक्का बन सकता है या थक्का विचारणीय होता है क्योंकि यह खून के जरिए पूरी शरीर में भ्रमण कर सकता है और फेफड़े में होने वाले रक्त प्रवाह को भी रोक सकता है इसलिए पिता से हटवाने के बाद डॉक्टर के कहने पर आप लोगों को डॉक्टर जांच अपनी जरूर करवाएं
  • बाइल डक्ट में चोट आ जाना;- 22 डक्ट में चोट का आ जाना यह भी एक काफी ज्यादा प्रॉब्लम का समस्या हो सकता है 22 डॉक्टर था पित्त की नली लीवर से बाईजूस को अंत तक ले जाने का काम करती है सर्जरी के दौरान देखा जाता है कि अगर किसी कारणवश यह डैमेज हो जाती है तो पितरस पेट में लिख हो सकता है यह फिर उचित मात्रा में निर्धारित अंग तक नहीं पहुंच पाता है जिसके वजह से आपके शरीर में प्रॉब्लम हो सकती है तो यह भी आप लोगों को ध्यान में रखना चाहिए
  • हर्निया;- सर्जरी के दौरान किसी टिशू को नुकसान पहुंचाने से टिशू कमजोर पड़ जाता है और बाद में यह आर्निया भी हो सकती है जो कि हार दिया का भी इलाज आप लोगों को देखने के लिए मिलता है कि अलग तरीके से किया जाता है इसलिए आप लोगों को काफी ज्यादा अधिक ध्यान में रखना चाहिए
  • बुखार;- बुखार तो वैसे भी आम बात है लेकिन देखने के लिए मिलता है कि सर्जरी के बाद अगर बुखार आता है तो यह भी आंबा देखने के लिए मिलती है कि आपका शरीर इंफेक्शन से लड़ाई कर रहा है ऐसी स्थिति में डॉक्टर से आप लोगों को एक बार प्रोमोशन जरूर लेना चाहिए अगर आपका जो शरीर है वह अगर बुखार से ग्रसित हो जाता है सर्जरी के बाद में तो एक बार जरूर डॉक्टर से संपर्क करें जो कि आपको सही काला देने पर ही किसी चीज का उपयोग करना चाहिए
  • कब्ज;- पित्ताशय को शरीर से अलग करने के लिए उपयोग की जाने वाली जो सर्जरी के बाद जो रिकवर होनी चाहिए होती है वही दवाइयों के सेवन और जो पाचन के लिए कई सारे प्रकार के बदलाव होते हैं वह कब्ज के रूप भी धारण कर सकता है इसलिए आप लोगों को कब्ज का भी काफी ज्यादा निशा ध्यान रखना है संकेत पाते ही आप लोगों को डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए
  • हृदय संबंधी रोग;- अगर रोगी की हार्ट की सर्जरी की जाती है तो यह देखा जाता है कि रोगी पर हृदय रोगी हो जाती है तो यह गाल ब्लेडर हटवाने उसे अप्रत्यक्ष रूप से काफी ज्यादा अधिक प्रभावित करेगा सर्जरी के बाद रोगी को स्ट्रेस हृदय रोग को तीव्र कर सकता है जहां पर विस्तार से हटवाने के बाद मोटापा शुगर और कोलेस्ट्रोल के लेबल में चढ़ाव आदि इन सभी चीजों का प्रॉब्लम देखना पड़ सकता है
  • पीसीएस (PCS);- पीसीएस यानी की पोस्ट-कोलेलिस्टेक्टॉमी सिंड्रोम अगर पिता से की जो पथरी पित्त नली में भी विकसित हो जाती है तो पीसीएस भी हो सकता है इसका कारण पेट में पित्र रक्त का आप प्रकृति के असरा होना भी है देखा जाता है कि पीसीएस के लक्षण पित्ताशय की पथरी के सामान भी होते हैं जिनमें पेट दर्द और दस्त रहा सीने में जलन आदि के सारे लक्षण शामिल होते हैं हालांकि कहीं ना कहीं देखा जाता है कि यह सारे लक्षण सामान्य देखने के लिए लगते हैं लेकिन आप लोगों को डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए

यहां पर आप लोगों को लगभग 8 से 10 नुकसान बताए गए हैं जो कि अगर आप अपनी पित्त की थैली को निकल आते हैं तो इससे आपकी पित्त की थैली निकलवाने चाहिए सारी साइड इफेक्ट हो सकते हैं इन सभी चीजों के साइड इफेक्ट देखने पर आप लोगों को बच्चों से जरूरतमंद संपर्क करना चाहिए वही आपको सही सलाह देने में सक्षम होंगे

पित्ताशय हटाने के बाद रिकवरी (Recovery after gallbladder removal)

पित्ताशय को हटाने के बाद में जो रिकवरी होती है वह किस प्रकार से होती है अगर सर्जरी के बाद कोई जटिलता नहीं होती है तो रिकवरी होने में काफी ज्यादा कम समय लगेगा और बहुत ही जिंदगी कब रहे हो जाएंगे बता दे कि अगर पित्त की थैली हटाने के लिए ओपन सर्जरी हुई है तो देखा जाता है

कि रोगी को अस्पताल में 4 से 5 दिन तक ठहराना पड़ता है और वही अगर सर्जरी का प्रकार लेप्रोस्कॉपी का है तो उसी दिन रोगी अपने घर को वापस आ सकता है और देखा जाता है कि जो रिकवरी है वह बहुत ही जल्द हो जाता है

रिकवरी के दौरान, इन बातों का रखें ध्यान (During recovery, keep these things in mind)

कई बार देखा जाता है कि सर्जरी का कोई भी दुष्प्रभाव रोगी के ऊपर नहीं होता लेकिन रिकवरी के दौरान की गई गलतियों उसे ठीक होने के लिए काफी ज्यादा और और समय को बढ़ा देती है आइए जानते हैं कि आखिर में जो पिता से है उसको हटाने के बाद में जल्दी रिकवर होने में क्या आपके कौन कौन सी चीज है जो कि मदद कर सकती है इन सभी चीजों को आपको बिल्कुल भी नहीं करना है और काफी ज्यादा ध्यान में रखना चाहिए

  1. दो सप्ताह तक कोई भी फिजिकल वर्क न करें। इस दौरान आपको आराम कि सख्त जरूरत है।
  2. अपने जख्म को नियमित रूप से साफ़ करें और डॉक्टर द्वारा बताई गई क्रीम लगाएं।
  3. कुछ दिनों तक ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें, कठोर पदार्थ खाने से परहेज करें।
  4. कुछ हफ्तों के लिए अत्यधिक नमकीन, मीठा, मसालेदार या वसायुक्त भोजन न करें।
  5. पाचन बढ़ाने  के लिए फाइबर का अधिक सेवन करें, लेकिन नट्स, बीज, साबुत अनाज, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी, गोभी, आदि का सेवन न करें।

रिकवरी के दौरान आप लोगों को इन सभी बातों का जरूर ध्यान में रखना चाहिए जहां पर देखा जाता है कि 2 सप्ताह तक कोई भी किसी भी प्रकार का आप लोगों को फिजिकल गोरख नहीं करना चाहिए तथा आराम की सख्त जरूरत ही होती है क्योंकि इसमें आपकी जो पित्त के थैली हवा निकाल दिया जाता है और जख्म ही हो जाता है कुछ हफ्तों के लिए अत्यधिक नमकीन मीठा तथा मसालेदार वसायुक्त भोजन बिल्कुल भी ना करें

और कठोर पदार्थ खाने से परहेज करें देखा जाता है कि आप लोगों को केवल तरल पदार्थ ही खाना चाहिए जिसकी वजह से आपकी जो पाचन शक्ति है वह धीरे-धीरे बनी रहेगी और रिकवर हो जाएगी तो आप लोगों को ऊपर 5 स्टेप जो भी बताए गए हैं उनको जरूर शक्ति के साथ में पालन करना होगा

रिकवरी के दौरान रोगी नीचे दिए गए कुछ लक्षणों का अनुभव कर सकता है। लक्षण नजर आने पर तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें-

  • तेज दर्द (हमेशा रहता है)
  • बार-बार पेट दर्द
  • मतली और उल्टी
  • गैस या मल निकालने में परेशानी
  • दस्त और पीलिया

रिकवर के दौरान रोगी के नीचे दिए गए कुछ लक्ष्मण में से अनुभव कर सकता है जहां पर लक्षण नजर आने पर तुरंत ही देखने के लिए मिलता है जो कि देखने के लिए मिल जाता है कि आप लोगों को इसका जो उपयोग है वह डॉक्टर के सलाह पर ही करना चाहिए तेज दर्द हमेशा आप लोगों को देखने के लिए मिल सकता है जहां पर बार बार पेट में दर्द देखने के लिए मिल सकती है

मतली और उल्टी का भी समस्या आ सकती है जहां पर गैस में मल निकलने में भी परेशानी होती है तथा दस्त और पीलिया जैसी समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं तो इन सभी चीजों को आप लोगों को ध्यान में रखते हुए डॉ उसे जरूर संपर्क में रहना चाहिए

पित्ताशय हटाने की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे (Advantages of laparoscopic surgery for gallbladder removal)

पिता से हटाने की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से अगर आप लोगों हटाते हैं पिता से तो इसमें काफी ज्यादा अधिक फायदा देखने के लिए मिलता है जहां पर पित्ताशय की पथरी का जड़ से इलाज भी हो जाता है और पिता से को शरीर से अलग भी कर दिया जाता है केवल एक मात्र ही टिकाऊ उपाय है लेकिन यह प्रक्रिया देखने के लिए मिल जाता है कि ओपन सर्जरी द्वारा ही की जाती है तो साइड इफेक्ट का भी खतरा काफी ज्यादा होता है आइए जानते हैं कि पिता से को हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी क्या है

और कैसे होता है बता दे कि इसमें कोई बड़ा कट नहीं होता है और रिकवरी में भी काफी ज्यादा कम समय लगता है गांव में इंफेक्शन होने के चांस बहुत कम होते हैं क्योंकि इलाज के दौरान बहुत ही छोटा अट मारा जाता है जिसकी वजह से घाव काफी ज्यादा कम होता है

सर्जरी के बाद कोई भी साइड इफेक्ट बिल्कुल भी देखने के लिए लगभग नहीं मिलता है तथा पेशेंट को 48 घंटे के अंदर से भी खारिज कर दिया जाता है कि इन सभी चीजों का फायदा भी देखने के लिए मिल जाता है लेकिन ऊपर जो भी आप लोगों को बताया गया नुकसान इनका भी आपको विशेष ध्यान में रखना चाहिए

पित्ताशय की पथरी का जड़ से इलाज करने के लिए पित्ताशय को शरीर से अलग करना ही एकमात्र टिकाऊ उपाय है। लेकिन, अगर यह प्रक्रिया ओपन सर्जरी द्वारा की जाती है तो साइड-इफेक्ट्स का खतरा ज्यादा होता है। आइये जानते हैं कि पित्ताशय हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्या फायदे हो सकते हैं।

निष्कर्ष (conclusion)

पित्त के थैली शरीर से अलग करने पर कई सारे नुकसान भी होते हैं जिनमें से आप लोगों को दर्द खून का थक्का बनाना हर्निया बुखार कब जी हृदय संबंधी रोग तथा और भी कई सारी प्रकार के गठित हो सकते हैं लेकिन अगर फायदे के बारे में बात करें तो यहां पर आपको 48 घंटे के अंदर जो पित्ताशय में पथरी होती है उससे निजात पा सकते हैं और हमेशा के लिए इसका इलाज भी हो जाता है साथ ही में देखने के लिए मिलता है कि और भी कई सारी प्रकार की फायदे होती है जिनका आप लोग लाभ उठा सकते हैं यह पोस्ट लिखा गया है सामान्य जानकारी के लिए किसी भी प्रकार की अगर आपको प्रॉब्लम है तो उसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से एक बार संपर्क जरूर बनाएं

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